प्रतिरूप की सीमाएं समझाइए? Limitations of models in hindi

 

प्रतिरूप की सीमाएं (Limitations)

प्रतिरूप की सीमाएं


अच्छे न्यादर्श की निम्नलिखित सीमाएं हैंं-


1. न्यादर्श में स्थायित्व होता है। एक बार न्यादर्श बन जाने के बाद यह मान लिया जाता है, कि वह न्यादर्श हमेशा क्रियाशील रहेगा। विश्व की परिस्थितियों के परिवर्तन के अनुरूप न्यादर्श के स्वरूप में परिवर्तन नहीं होने से उनकी शुद्धता, मौलिकता और प्रभाव में कमी आ जाती है।


2. न्यादर्श निर्माणकर्ता को सामान्यता उपरोक्त बात का पता रहता है फिर भी वे इन कमियों को दूर करने का प्रयास नहीं करते हैं जिससे कमियां बढ़ती हैं।


3. न्यादर्श के उपयोग में शुद्धता लाने के लिए, वस्तुनिष्ठता‌ का होना आवश्यक होता है फिर भी न्यादर्श निर्माता मानव ही होते हैं और इसके मानवीय दृष्टिकोणों के कारण वस्तुनिष्ठता प्रभावित होती है।


4. एक ही न्यादर्श सभी उद्देश्यों के लिए लागू नहीं होते। अलग-अलग उद्देश्यों के लिए अलग-अलग न्यादर्शों की आवश्यकता होती है।


5. प्रायः सभी न्यादर्श अपूर्ण होते हैं। ऐसा कोई भी नहीं है जो हर उद्देश्य को पूर्ण कर सके।


अधुनातन न्यादर्श का प्रयोग करना ज्यादा अच्छा होता है वस्तुतः संचार के न्यादर्श के संबंध में यह नहीं कहा जा सकता, कि प्रत्येक स्थिति में कोई स्थापित न्यादर्श काम कर ही सकता है क्योंकि संचार में प्रायः हर स्तर पर परिवर्तन होते रहते हैं अतएव संचार संबंधी कोई भी नियम पहले से स्थापित नहीं किया जा सकता। यदि कोई न्यादर्श किसी विशेष परिस्थिति में बनाया गया है और उसे समयोपरान्त ठीक पाया गया हो, तो भी वह प्रत्येक स्थान और समय पर उचित नहीं हो सकता।

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